मामले में सारा फर्जीवाडा तब सामने आया जब लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए चोरी छिपे इन खरीदी के भुगतान के लिए प्रयास शुरु हुआ। दस्तावेजों से पता चलता है कि कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जशपुर के द्वारा 2019-20 व् 2020-21 में स्वास्थ्य विभाग के लिए आवश्यक सामग्रियों की खरीदी की गई।सबसे खास बात यह कि सिविल सर्जन के द्वारा अपनी क्षमता से अधिक खरीददारी की गई जिसमें न तो क्रय नियमों का पालन किया गया न ही क्रय समिति बनी,न ही टेंडर निविदा आमंत्रित की गई और न ही ख़रीदे गए सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया।
खबर में आप और गहराई से जाएं इससे पहले देखें छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्यप्रदेश की कुछ फर्म से भी स्वास्थ्य विभाग ने सारे नियमों को ताक में रखते हुए खरीददारी की।इसमें सबसे अधिक खरीदी के बिल रायगढ़ के फर्मों के हैं जिनके द्वारा देयक बिल प्रस्तुत किया गया है।हांलाकि कोविड की खरीददारी में शासन ने कुछ छुट दी हुई है लेकीन यहां प्रस्तुत किये गए देयक कोविड से संबंधित नहीं हैं। इसके अलावा भी यहाँ खरीदी की बातें सामने आ रही हैं।
देखिये किस फर्म से हुई कितने की खरीददारी ..?
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