एलएसडी ब्रेकिंग:--- सरकार के इस कोरोना काल में गरीबो को कही रोजगार के लिए भटकना न पड़े इस उद्देश्य से महात्मा गाँधी नरेगा योजना को सुचारू रूप से चालू रखा, किन्तु कुछ सरकारी कर्मचारी ने अपनी ओदे को ही सर्मशार कर दिया है,
बात गरियाबंध के छरा विकाशखण्ड के पटपरपाली गाँव की है , जहा मनमोहन पिता रामभजन के नाम से ढबरी निर्माण कार्य 3.84 लाख की राशी की कार्य के बिना राशी आहरण किया गया है, जो की ग्रामीणों की माने तो एक पुराने तालाब को 10 मजदूरो द्वारा छिलाई कर दि गई है, एवं इसे इसे व्यक्ति के खाते में उस ढबरी निर्माण की राशी से आई हुई है जो उस ढबरी के बारे में जानते तक नही है, एवं रोजगार सचिव एवं हितग्राही मनमोहन द्वारा बैंक से जबरन निकलवा लिया गया है, ग्रामीणों की यह भी सिकायत है की पिछले 2 वर्षो से इसी तरह से ढबरी कार्य हेतु आवेदन किया गया है, किन्तु अभी तक न ढबरी का पता न ही कोई जानकारी का, पर जिस व्यक्ति को उस कम की आवस्यकता ही नहीं उसी को ही यह राशी उपलब्द कराई जा रही है,
ग्रामीणों ने अपने सिकायत पत्र में कहा की कार्य जिसकी भी
हो, अगर कार्य सुचारू रूप से होता तो कई परिवार को रोजी-रोटी मिल पति किन्तु एसा
नही हुआ है...
ग्रामीणों की शिकायत में अविस्यनीय वारदाते
ग्रामीणों ने सिकायत की कि यह प्रत्येक वर्ष इसी प्रकार से कार्य होते है इसी दशा में उप-निरीक्षक – एम.के.श्रीवास्तव ने पाया की जयमानी पति – मनमोहन के नाम से भी 4.10 लाख की ढबरी कार्य पास किया गया है, किन्तु प्रारंभ नही हुआ है.. इतना सब कुछ होने के बाद जयमानी-मनमोहन डबरी निर्माण कार्य को पूर्ण निरस्थ कर दिया गया है,एवं बेनियाम्नुसार कार्य करने के आरोप में सम्पूर्ण राशी को पुनः सरकारी खाते में डालने की प्रक्रिया कर दि गई है.., एवं सचिव, और रोजगार सचिव को बर्खास्त करने की कार्यवाही जरी रखी है..
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