रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के नागरिकों और व्यवसायियों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य में पेट्रोल पंप खोलने के लिए किसी भी प्रकार के राज्य-स्तरीय लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। यह फैसला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या है नया नियम?
अब तक छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पंप खोलने के लिए राज्य सरकार से विभिन्न प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते थे, जिनमें विशेष रूप से फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट से लाइसेंस की जरूरत होती थी। यह प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली थी। लेकिन अब सरकार ने इन राज्य-स्तरीय अनुमतियों को समाप्त कर दिया है।
हालांकि, केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल कंपनियों द्वारा तय किए गए मापदंडों का पालन करना अब भी अनिवार्य रहेगा। जैसे कि:
निर्धारित भूमि मानदंड
पर्यावरणीय स्वीकृति
अग्निशमन सुरक्षा
तेल कंपनी के साथ अनुबंध आदि।
फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य:
राज्य सरकार का कहना है कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य कारोबारियों को अनावश्यक प्रशासनिक झंझट से बचाना है। इससे पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी, जिससे विशेषकर युवा उद्यमियों और छोटे निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
"हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बने। जब तक हम प्रक्रियाओं को सरल नहीं करेंगे, तब तक छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ने में मुश्किल होती रहेगी।"
क्या होंगे इसके प्रभाव?
1. रोजगार के अवसरों में वृद्धि: पेट्रोल पंप खोलने से स्थानीय स्तर पर कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
2. ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा लाभ: अब दूरदराज के गांवों और कस्बों में भी आसानी से पेट्रोल पंप खुल सकेंगे, जिससे ईंधन की उपलब्धता में सुधार आएगा।
3. निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा: सरल प्रक्रिया से अधिक लोग निवेश की ओर आकर्षित होंगे।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे राज्य में पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता बेहतर होगी और व्यवसायिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
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