जशपुर:-- कोरोना के दौरान अस्पताल की सफाई की, फिर भी वेतन नहीं, क्या कोई सुनेगा इनकी भी बात, पढ़िए पूरी खबर - LSDNEWS: आवाज से अंजाम तक

LSDNEWS: आवाज से अंजाम तक

छिपाएंगे नही छापेंगे-आवाज से अंजाम तक

BREKING NEWS

आवश्यकता है

एलएसडी न्यूज में आपका स्वागत है, आपके आस पास के खबरों को साझा करने के लिए हमसे संपर्क करे 9926067366, 9399089869,

Ad

Ad

शनिवार, 3 जुलाई 2021

जशपुर:-- कोरोना के दौरान अस्पताल की सफाई की, फिर भी वेतन नहीं, क्या कोई सुनेगा इनकी भी बात, पढ़िए पूरी खबर

जशपुर:--  बीते तीन माह से मानदेय नहीं मिल पाने से नजारा जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने शुक्रवार को अचानक काम बंद कर दिया। काम बंद किए कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जबतक उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता है वे काम पर नहीं लौटेंगे। सफाई कर्मचारियों द्वारा काम बंद कर दिए जाने के कारण शुक्रवार को जिला अस्पताल की सफाई नहीं हो पाई। ओपीडी से लेकर वार्ड में हर जगह गंदगी देखी गई। डस्टबिन भरे हुए थे।



सफाई कर्मचारी अशोक कुमार ने बताया कि उन्हें सफाई कर्मचारी बता कर रखा गया है लेकिन कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर पोस्टमार्टम तक सारे काम कराया जाता है। 13 साल से जिला चिकित्सालय में 53 कर्मचारी, कलेक्टर दर में वेतन मिलने की उम्मीद लिए काम कर रहे है। लेकिन प्रशासन उनकी मांग की उपेक्षा कर रहा है। भड़के हुए इन कर्मचारियों का आरोप है कि 13साल के बीच,जिला चिकित्सालय में कई बार कलेक्टर दर पर विभिन्न पदों पर नियुक्तियां हुई पर उन्हें कोई प्राथमिकता नहीं दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि मानदेय का समय पर भुगतान ना होने से उन्हें भारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


हॉस्पिटल की सफाई का अलग से कुछ नहीं मिला


सफाई कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालते हुए कोविड हॉस्पिटल में भी नियमित सफाई का काम किया है। भर्ती कोविड मरीजों द्वारा फेंके गए कचरे की बाक्स को उन्होंने साफ किया, कोरोना से किसी की मौत होने की दशा में बॉडी को पैक करने का काम भी इनसे लिया गया है। इन सब काम के बदले अलग से राशि भुगतान करने का भरोसा दिया गया था। पर अलग से प्रोत्साहन राशि देना तो दूर उन्हें नियमित मानदेय तक नहीं मिल पा रहा है।


जीवन दीप समिति से इन्हें मिलता है पैसा


अस्पताल की साफ-सफाई पर नियुक्त किए गए इन कर्मचारियों को आज भी जीवन दीप समिति या डीएमएफ फंड से पैसा दिया जाता है। जीवन दीप समिति की कमाई ओपीडी की कटने वाली पर्ची से होती है। अस्पताल में सफाई के नाम पर 53 महिला कर्मचारी रखे गए हैं। पर उन्हें वेतन देने का कोई स्थायी बंदोबस्त अभी तक नहीं हो पाया है। बताया जाता है कि उन्हें मानदेय का भुगतान कार्यदिवस के आधार पर दिया जाता है। जिस दिन किसी कारण से सफाई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचते हैं उस दिन का मानदेय काट लिया जाता है। जितने दिन वे सफाई का काम करते हैं सिर्फ उतने दिन का ही पैसा मिला है।


एक दो दिन में हो जाएगा भुगतान


सफाई कर्मचारियों का मानदेय भुगतान प्रक्रिया में है। उन्हें जीवन दीप समिति या डीएमएफ मद से भुगतान किया जाता है। एक दो दिन में मानदेय का भुगतान हो जाएगा।'''' डॉ एफ खाखा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल।


सारे काम कराया जाता है


13 साल से जिला चिकित्सालय में 53 कर्मचारी, कलेक्टर दर में वेतन मिलने की उम्मीद लिए काम कर रहे है। लेकिन प्रशासन उनकी मांग की उपेक्षा कर रहा है। भड़के हुए इन कर्मचारियों का आरोप है कि 13साल के बीच,जिला चिकित्सालय में कई बार कलेक्टर दर पर विभिन्न पदों पर नियुक्तियां हुई पर उन्हें कोई प्राथमिकता नहीं दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि मानदेय का समय पर भुगतान ना होने से उन्हें भारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट