अम्बिकापुर ब्यूरो :--- बलरामपुर जिले के राजपुर
इलाके के धंधापुर छिंदियाडांड स्थित महान नदी में पुल निर्माण चल रहा है। पुल
निर्माण में लगे एक मजदूर की नदी पार करते समय डूबने से मौत हो गई।
वह कोरबा का रहने वाला था। उसका नाम कमल बताया जा
रहा है। उसका पैर अचानक उस गड्ढे की तरफ चला गया, जहां गर्मी के समय पुल
निर्माण के लिए जेसीबी लगाकर ठेकेदार ने करीब 10 फीट गहरा गड्ढा कर रेत का
अवैध खनन कराया था। कमल के साथ नदी पार कर रहे युवक ने किसी तरह अपनी जान बचाई।
बता दें कि नदी के दोनों तरफ धंधापुर पंचायत के दो मुहल्ला छिंदियाडांड व लोधीडांड
है। जहां के लोग नदी में तैर कर इस पार से उस पार जाने को मजबूर हैं, क्योंकि नदी में नाव नहीं है। बता दें कि एसईसीएल के माध्यम
से तीन लाख से नाव खरीदी गई थी, लेकिन उसकी क्वालिटी इतनी
खराब थी कि साल भर में ही लीकेज होने लगे थे। इससे पिछले साल बरसात के बाद नाव में
पानी भरने से डूब गई थी। जो फिर नहीं निकाली जा सकी। जबकि उसे बाहर निकालने
ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत की थी। अब यहां ग्रामीण रोज जोखिम लेकर नदी पार करने को
मजबूर हैं।
ग्रामीण बोले- नाव नहीं, और लोगों की जा सकती है जान
आसपास के गांवों के ग्रामीणों का कहना
है कि अगर नाव की व्यवस्था नहीं हुई तो इस तरह और लोगों की जान जा सकती है।
क्योंकि लोग पैदल या तैरकर नदी पार करना चाहेंगे। वहीं नदी में रेत निकालने की वजह
से कई फीट गहरी खाई बन गई हैं। जो अब बारिश के समय में बढ़ा के दौरान नदी पार करने
वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित होंगी। ग्रामीणों ने नाव की व्यवस्था कराने की
मांग की है।
अगर इस साल स्कूल खुले तो बच्चे भी नहीं पहुंच पाएंगे पढ़ने, अभी पुल बनने में लगेगा एक वर्ष
लोधीडांड के बच्चों को पढ़ने के लिए धंधापुर आना पड़ता
है। पुल टूटने के बाद बच्चे नाव से नदी पार कर स्कूल आते थे, लेकिन अब नाव भी नहीं है। ऐसे में अगर स्कूल खुलता है तो यहां के बच्चे स्कूल नहीं
जा पाएंगे। इसके अलावा किसानों को सहकारी समिति से खाद बीज लेकर अपने गांव जाने के
लिए 25 किमी का सफर करना पड़ रहा है। लोगों ने तत्काल नाव की मांग की
है, ताकि वे नाव से भी जरूरी सामान लेकर घर तक जा सकें। वहीं पुल
बन जाने से मड़काडांड, चौरा, दुप्पी, करसी पंचायत के लोगों के
लिए अंबिकापुर की दूरी 20 किमी तक कम हो जाएगी।
कोरबा का रहने वाला था मजदूर, साथ में नदी पार कर रहे दूसरे मजदूर
ने किसी तरह बचाई खुद की जान
नाव और पुल नहीं होने के कारण बारिश के सीजन में दो हिस्सों
में बंट जाती है धंधापुर ग्राम पंचायत
बारिश के सीजन में महान नदी में पुल व नाव दोनों के
नहीं होने से धंधापुर पंचायत दो भागों में बंट जाती है। इससे धंधापुर पंचायत के
लोधीडांड गांव के लोगों को पंचायत भवन तक आने के लिए बरसात में 25 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लोग लोधीडांड से चौरा होते
हुए सूरजपुर जिले के केरता खड़गवा जाते हैं। उसके बाद धंधापुर मूल पंचायत में आ
पाते हैं। जबकि नाव या पुल होने से यह दूरी तीन किलोमीटर की है। नदी के दूसरी तरफ
छिंदियाडांड है। जहां के लोगों की जमीन लोधीडांड में है, वे खेती करने वहां नहीं जा पा रहे हैं।
ग्रामीणों के लिए नाव बनवाई जाएगी: कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने
कहा है कि धंधापुर के छिड़ियाडांड महान नदी पर पुल निर्माण पूरा नहीं हुआ है, तो वहां नाव की व्यवस्था कराई जाएगी।
एक जगह के लिए नाव की तैयारी चल रही है। धंधापुर के ग्रामीणों की परेशानी दूर की
जाएगी।
पांच साल पहले बह गया था महान नदी पर बना पुल
महान नदी पर बना पुल पांच साल पहले बह गया था। इसके
बाद इस साल वहां नए पुल का निर्माण शुरू हुआ है। जिसके अगले साल बरसात से पहले
बनकर तैयार होने की उम्मीद है। वहीं यहां पुल टूटने के बाद दिए गए नाव के खराब
होने से अब लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें इस बात की चिंता सताती रहती है कि
गांव में रात में कोई गंभीर बीमार हुआ तो उसे अस्पताल तक पहुंचाने में खासी मुसीबत
उठानी पड़ेगी।
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