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शनिवार, 5 जून 2021

जशपुर ब्रेकिंग:--डोड़की नदी पर नहीं बन पाया पुल, बारिश के मौसम में दर्जनों गांवों का कुनकुरी से फिर कट जाएगा संपर्क... पढ़िए पूरी खबर

जशपुर/अंकिरा:--- जिले में कलीबा राजौटी के बीच डोड़की नदी में बन रहे पुल का निर्माण 12 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। पुल की मंजूरी 2008 में हुई थी, जिसके बाद टेंडर कराकर काम चालू कराया गया। ठेकेदार ने थोड़ा काम करने के बाद निर्माण को अधूरा छोड़ दिया। उसके बाद आज तक पुल का निर्माण पूरा करने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। पुल का निर्माण अधूरा होने से इस बारिश में भी में दर्जनों गांव का संपर्क कुनकुरी से कट जाएगा।


कुनकुरी ब्लॉक के कलीबा राजौटी स्थित डोंडकी नदी पर 12 साल से पुल का निर्माण हो रहा है। विभागीय लापरवाही के कारण जिस पुल का निर्माण 2 साल में पूरा होना था, वह 12 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। ठेकेदार ने पुल का अधूरा निर्माणकर छोड़ दिया गया है। क्षेत्र के दर्जनों गांव का एक मात्र मुख्यमार्ग इस पुल से जुड़ा हुआ है। इससे वह हर साल बारिश के दौरान उनका संपर्क कुनकुरी से कट जाता है।

ग्रामीणों ने बताया कि थाने संबंधित कार्य करने के लिए इसी बड़ी नदी से होकर जाना पड़ता है। पुल नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण लोगों को चिकित्सा संबंधी कार्य के लिए लंबी दूरी तय कर कुनकुरी या अन्य जगह जाना पड़ रहा है। इस पुल का निर्माण हो जाने से क्षेत्र के कलीबा, कुरकुंगा, राजौटी, रनपुर, जोकबहला, सहित दर्जनों गांव को समस्या से निजात मिल जाएगी। अभी नदी में पुल का निर्माण 30% भी नहीं हो पाया है। कुछ पिलर ही खड़े हो पाए हैं, बाकी काम अधूरा पड़ा है।बताया जाता है कि इस पुल का निर्माण 10 साल पहले ही हो जाना था लेकिन सेतु निर्माण विभाग और ठेकेदार की मनमानी का नतीजा है जो 12 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया।


जाने से क्षेत्र के कलीबा, कुरकुंगा, राजौटी, रनपुर, जोकबहला, सहित दर्जनों गांव को समस्या से निजात मिल जाएगी। अभी नदी में पुल का निर्माण 30% भी नहीं हो पाया है। कुछ पिलर ही खड़े हो पाए हैं, बाकी काम अधूरा पड़ा है।बताया जाता है कि इस पुल का निर्माण 10 साल पहले ही हो जाना था लेकिन सेतु निर्माण विभाग और ठेकेदार की मनमानी का नतीजा है जो 12 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया।
ग्रामीणों की परेशानी से सब बेखबर, अधूरे पुल के कारण नए को भी नहीं मिल रही मंजूरी
पुल के पूरा नहीं होने से ग्रामीण नाराज हैं। उनकी मांग पर ही इस पुल के निर्माण को मंजूरी मिली थी। ग्रामीणों ने बताया कि पुल बनाने के लिए कई बार मांग उठाई। बार-बार मांग उठाने के बाद ठेकेदार कुछ दिन के लिए काम चालू करता था, फिर काम बंद कर देता था। शिवम बेहरा ने बताया कि ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ शिकायत कई बार की गई, लेकिन विभाग ने अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन चुका है, क्योंकि इस अधूरे पुल के रहते नए पुल को मंजूरी नहीं मिलेगी।

दोबारा टेंडर कराया, पुल बनना शुरू हो गया है

 पुराने ठेकेदार की निविदा को निरस्त करने के बाद पुन: निविदा आंमत्रित की गई थी। वर्तमान में पुल निर्माण का कार्य चल रहा है।'''' अमितेश किंडो, उप अभियंता सेतु निर्माण विभाग

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