परमेश्वर चौहान:--- विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून से शुरू हो रहे मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में वन विभाग ने जिले के सभी विकासखंडों में राजस्व मद की खाली पड़े जमीन पर पौधरोपण की तैयारी कर ली है। पहली बार 1973 में पृथ्वी पर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने और इस दिशा में दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।
योजना की शुरुआती चरण में वनविभाग ने जिले के आठों
पंचायतों में एक एक गांव में समिति के माध्यम से पौधरोपण करने की योजना बनाई है।
बारिश शुरू होने के बाद इसे विस्तार रूप दिया जाएगा।
योजना के तहत रोपे गए पौधों के तैयार होने पर इनकी
कटाई के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। हितग्राही इन
वृक्षों की कटाई कर लकड़ी को सीधे बाजार में बेच कर लाभ अर्जित कर सकेगें। जाहिर है
वन समिति से जुड़े ग्रामीण, खाली जमीन पर पौधरोपण कर
योजना का लाभ सहजता से उठा सकते है। वनमंडलाधिकारी एसके जाधव ने बताया कि
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना में खरीफ सीजन में धान की फसल लेने वाले किसानों को
फसल परिवर्तन कर इमारती व जलाऊ लकड़ी के रूप में उपयोग आने वाले वृक्षों के पौधे
रोपने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपए तीन साल तक
देने का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में वन समितियों को राजस्व
विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर पौधे रोपने पर भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
सामाजिक वानिकी से बढ़ेगी
किसानों की आय
योजना को किसान सहित सभी लोगों के लिए फायदेमंद माना
जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इमारती, जलाऊ और फलदार पौधे रोपे जाने से
हरियाली बढ़ेगी। इमारती और जलाऊ लकड़ी के रूप में तैयार होने के लिए पौधे को परिपक्व
होने में 5 से 10 साल का समय लगता है। हितग्राही द्वारा इसकी रोपाई से कटाई के
बीच की अवधि के दौरान हरियाली लाने में योजना की भूमिका बेहद अहम होने वाली है।
पर्यावरणविद शिवानन्द मिश्रा कहते है कि मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा ना
मानकर उसको विकृति करने में लगा है। ऐसा लगता है कि इंसान समाज ने प्रकृति के
विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ रखा है और स्वयं को अधिक ताकतवर साबित करने में जुटा
हुआ है।
पौधरोपण के लिए नर्सरी
में 15
लाख पौधे तैयार
जिले में हरियाली लाने के लिए वन और उद्यानिकी विभाग
ने भी पुरजोर तैयारी की है। वनमंडलाधिकारी एसके जाधव ने बताया कि मुख्यमंत्री की
योजना के अनुरूप पौधरोपण अभियान चलाने और योजना में भागीदार बनने वाले
हितग्राहियों को पौधे उपलब्ध कराने के लिए वनविभाग की नर्सरी में 11 लाख और उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में
4 लाख से अधिक पौधे तैयार किए गए हैं।
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