जशपुरनगर:--- जिले की 15 महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गांव की महिलाओं को मुफ्त में सेनेटरी पैड बांट रही हैं। वे महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी कर रही हैं। पहले लॉकडाउन शुरू होने के दौरान महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को नि:शुल्क मास्क भी बांटे।
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका असर पड़ा। वहां की महिलाओं को सेनेटरी पैड नहीं मिल पा रहे थे। एेसे में महिला स्वसहायता समूहों ने गांवाें में जाकर महिलाओं को सेनेटरी पैड फ्री में बांटा। इस काम में 15 स्व सहायता समूह की महिलाएं जुटी हुई हैं।
इसमें तुलसी समूह दोकड़ा, मां शारदा इंजको, एकता मनोरा, मां दुर्गा कुमेकेला,सरोजनी कण्डोरा,चमेली गिरांग, चांदनी गम्हरिया, शारदा कांसाबेल, गायत्री सन्ना, लक्ष्मी बरडाड़, मारिया फरसाबहार, उजाला बटईकेला, प्रेणना दुलदुला, रोशनी डडगॉंव की स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल हैं।
जागरूक करने मनाती है मासिक धर्म स्वच्छता दिवस
हर वर्ष 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुचिता मिंज ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता जरूरी है। मां, बहनंे और बेटियां कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रहें का संदेश विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस देता है। महावारी के दौरान अगर लंबे समय तक स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाए तो संक्रमण बच्चेदानी तक पहुंच सकता है। इससे गर्भधारण बाधित हो सकता है। 11 से 12 साल की किशोरियों में मासिक चक्र की शुरुआत होने लगती है। किशोरियों को सेनेटरी पैड और उसके महत्व के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है।
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाने की शुरुआत 2013 से
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस दुनियाभर की महिलाओं में मासिक धर्म की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में जागरूक करने लिए हर साल 28 मई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2013 में वॉश (जल स्वच्छता एवं स्वास्थ्य रक्षा) द्वारा की गई थी । इस दिवस को पहली बार 28 मई 2014 में मनाया गया था। इसे 28 तारीख को मनाने खास वजह यह है कि महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों के अंतर से आते हैं।
प्रशासन की मदद से गांवों में मुफ्त में बांट रही पैड
समूह की महिलाएं स्वच्छता के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाकर सेनेटरी पेड के उपयोग एवं उससे होने वाले लाभ बता रही हैं। इससे महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर, गर्भाशय के कैंसर, पेट में दर्द एवं मासिक धर्म के दौरान अस्वच्छता से होने वाले अनेक संक्रमण को रोकने में सहायता मिलेगी। जिला प्रशासन की ओर से इस काम के लिए प्रत्येक समूह को एक एक लाख रुपए की मदद दी जा रही है। इससे लगभग 8 लाख रुपए से ज्यादा सेनेटरी नैपकिन घर घर जाकर किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को बांट रही हैं।
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