डेस्क रिपोर्ट:--- सायबर ठगों ने ठगी का नया तरीका इजाद कर लिया है। अब वे शहरवासियों को ऑनलाइन ऑक्सीजन सेचुरेशन नापने का एप या लिंक भेज रहे हैं। इसको क्लिक करने पर सायबर ठगी के शिकार हाेने का खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा काेई एप अब तक नहीं बना है, जिससे ऑक्सीजन लेवल काे मापा जा सके। इसलिए ऐसे फर्जी ऑक्सीमीटर एप से सावधान रहें और किसी के बहकावे में ना आएं। एप भले ही काम न करे, लेकिन उसकी मदद से ठग आपके बैंक खाते की रकम निकाल सकते हैं। ऑक्सीमीटर के नाम से भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक ना करें और ऐसे एप डाउनलोड करने से बचें। काेराेना की चपेट में आए कई मरीजाें का आक्सीजन लेवल गिर जाता है। इसलिए लाेग चिंतित रहते हैं। बाजार में ऑक्सीमीटर की मांग बढ़ने पर साइबर ठग भी सक्रिय हाे गए।
फाेन पे, पेटीएम व फिंगर प्रिंट डाटा का कर रहे उपयाेग
साइबर अपराधी एप्लीकेशन के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने के लिए गूगल पे, फोन पे, पेटीएम इत्यादि के लिए उपयोग में लाए गए फिंगर प्रिंट डेटा का उपयोग करते हैं। फर्जी ऑक्सीमीटर एप लोगों के डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी की गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम है। लोग इन एप को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और फिर ठगी के शिकार हाे जाते हैं। जब इस प्रकार की एप्लीकेशन डाउनलोड करते हैं तो ये एप ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए फोन लाइट, कैमरा, फिंगर प्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है। फिंगर प्रिंट स्कैनर की मदद से वे डेटा तक पहुंच जाते हैं। इस प्रकार की एप मोबाइल में फोटो गैलरी को भी एक्सेस करने की अनुमति मांगता है, जब लोग अनुमति देते हैं तो ठग फोटो गैलरी के माध्यम से भी खातों को हैक कर लेते हैं। जबकि हकीकत यह है कि ऐसा काेई एप है ही नहीं।....अंकित साइबर क्राइम के जानकर
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