जशपुर/ तमता:-- जलाशय की नहर खराब रहने के कारण किसानों को गर्मी के दिनों में उसके पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। तमता के पास घोघरा गांव में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गए लाखों रुपए के जलाशय से किसानों काे पानी नहीं मिल रहा। जलाशय से किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने वाली नहर की मरम्मत करा दी जाती तो क्षेत्र के सैकड़ों किसान गर्मी के दिनों में फसल ले सकते थे, लेकिन तमता क्षेत्र के किसानों के लिए घोघरा जलाशय पानी के नाम पर मात्र एक औपचारिकता नजर आ रही है। लाखों रुपए बर्बाद करने के बाद भी क्षेत्र के किसानों को जलाशय का रत्ती भर लाभ नहीं मिल पा रहा। तमता के उपसरपंच विशाल अग्रवाल ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपए खर्चकर तमता के घोघरा में कुछ वर्ष पूर्व एक जलाशय का निर्माण कराया था, जिसकी पानी क्षमता से आसपास के एक दर्जन से भी अधिक गांव के किसान दाे फसली खेती का लाभ ले सकते थे,लेकिन इसे किसानों की विडंबना ही कही जा सकती है कि इतने रुपए शासन के खर्च करने के बाद भी तमता क्षेत्र के किसानों को घोघरा जलाशय के पानी का आज तक लाभ नहीं मिल सका। किसान अब अपनी फसल को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि जलाशय की निचली सतह से तमता, पंडरीपानी की ओर लगभग पांच किलोमीटर की नहर का निर्माण किया था, पर जलाशय से निकलने वाली नहर पांच सौ मीटर के बाद ही पूरी तरह खराब हो चुकी है। इससे उन्हें सिंचाई के लिए पानी का लाभ नहीं मिल पा रहा। विभाग के अधिकारियों के अलावा जिला के उच्च अधिकारियों को समस्या बताई जा चुकी है पर विभागीय अधिकारी एक कान से सुनकर उसे दूसरे कान से निकाल देते है।
अफसरों की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे-
सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता का दंश क्षेत्र के किसानों को झेलना पड़ रहा है। एक ओर जहां राज्य की भूपेश सरकार खुद को किसान हितैषी बताकर संवेदना बटोरने में लगी है तो वहीं सरकारी तंत्र सरकार की योजनाओं को विफल करने में लगे हुए हैं। सिंचाई विभाग में वर्षों से जमे कर्मचारी व उपयंत्रियों की वजह से क्षेत्र के अधिकांश कार्य ठप हैं। तमता क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि विभाग के उपयंत्रियों को क्षतिग्रस्त नहर के संबंध में सौ से भी अधिक बार शिकायत की है, लेकिन वे हर बार एक कान से शिकायत सुनकर दूसरे कान से बाहर निकाल देते हैं।
फंड का अभाव बताकर जिम्मेदारी से झाड़ रहे पल्ला-
तमता के घोघरा जलाशय से किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने वाली नहर की मरम्मत के संबंध मे विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एलपी मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने मरम्मत का प्रोजेक्ट बनाकर ऊपर भेजने का हवाला दिया। उनका कहना था कि फंड के अभाव के कारण नहर की मरम्मत का काम पूरा नहीं किया जा सका है। उनका कहना था कि फंड का आबंटन मिलते ही नहर की मरम्मत का काम पूरा करा दिया जाएगा।
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