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मंगलवार, 18 मई 2021

ग्राउंड रिपोर्ट:---अफवाह का असर: टीका न लगवाने का कारण पूछने पर कहते हैं- नपुंसक हो जाएंगे और पत्नी मां नहीं बन पाएगी... पढ़िए पूरी खबर



ग्राउंड रिपोर्ट:--- सरगुजा के जंगलों और पहाड़ों में रहने वाली जनजातियों में कोरोना से अधिक इससे बचाव के लिए लग रहे टीके का डर है। गांवों में कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन टीका न लग जाये इसके डर से ग्रामीण घर से भागकर जंगल में छिप रहे हैं। सरगुजा जिले के कोरबा और रायगढ़ बॉर्डर से लगे उदयपुर ब्लॉक के भकूर्मा, सितकलो, खर्रानगर, कानाडांड़ खामखोट, शंकरपुर, हरिहरपुर में यह मामला सामने आया है। अधिकारी ग्रामीणों को समझाने गावं गए, लेकिन फिर भी वह टीका लगवाने तैयार नहीं हुए। यहां रहने वाले राष्ट्रपति के गोद पुत्र पहाड़ी कोरवाओं की बस्तियों में स्थितियां इतनी विकट हैं कि टीकाकरण के लिए कोई स्वास्थ कर्मी उन्हें बुलाने आ जाए, इससे पहले वे घर छोड़कर जंगल भाग जा रहे हैं। गुमराह ग्रामीणों के पास टीका न लगवाने के अपने अलग तर्क हैं। कोई कह रहा है कि वैक्सीन लगवाने से कोरोना और ज्यादा फैल रहा है। कोई कह रहा है कि हम जंगल में रहते हैं, हमें कोरोना नहीं हो सकता। किसी को नपुंसक होने का भय है तो किसी को जान से हाथ धोने का खौफ है। किसी को मां न बन पाने की आशंका है। कोरोना का टीका नहीं लगवाने के बारे में पूछने पर ग्रामीण सवाल करते हैं इसकी गांरटी कौन लेगा। इससे स्वास्थ्य विभाग के सामने इन गांवों में टीकाकरण चुनौती है। अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से ग्रामीणों को समझने की अपील की है।

  • खामखोट में किसी कोरवा ने नहीं लगवाया टीका

सितकलो के पूर्व सरपंच संतोष मझवार ने बताया कि टीका लगवाने के लिए ग्रामीण तैयार नहीं हैं। यह कहने पर की टीका नहीं लगवाने पर राशन नहीं मिलेगा। ग्रामीण कहते हैं कि राशन कार्ड सहित सभी सुविधाएं सरकार छीन ले, लेकिन टीका नहीं लगवाएंगे। सितकलो पंचायत के कोरवा बहुल खामखोट में कोरवाओं में किसी ने टीका नहीं लगवाया है।

  • ग्रामीणों को जागरूक किए बिना टीका लगाना असंभव

उदयपुर बीएमओ डॉक्टर एआर जयंत ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों को बिना जागरूक किये, टीकाकरण सम्भव नहीं है। ग्रामीण टीका लगवाने के लिए नहीं आ रहे हैं। एसडीएम और तहसीलदार के साथ दो तीन बार ग्रामीणों को समझने गांव जा चुके हैं, लेकिन ग्रामीण टीका लगवाने तैयार नहीं हो रहे हैं। एेसे में इस बात को गंभीरता से लेते हुए उपाय करना जरूरी है।

  • 300 डोज भेजी गईं, सिर्फ 81 ने ही लगवाया टीका

उदयपुर ब्लॉक के केदमा में टीकाकरण के लिए टीम 300 डोज के साथ भेजी गई थी। टीम दिनभर लोगों का इंतजार करती रही, लेकिन शाम तक से 81 लोग को ही टीका लगा। अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से लोगों को टीका लगवाने सेंटर भेजने को कहा, यह पता चलते ही ग्रामीण जंगल में भाग गए। जिससे टीम लौट आई। इससे वहां कई टीके बर्बाद हो गई।

  • ग्रामीणों को समझाया नहीं तो कैसे थमेगा संक्रमण

ग्रामीणों को वैक्सीन के विरुद्ध इतना गुमराह कर दिया है कि वे किसी भी बात को मानने-सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर प्रशासन से निर्बाध टीकाकरण के लिए कहा कि सरकार गांव-गांव में टीके के विरुद्ध फैलाई गई अफवाहों व गलतफहमियों को शीघ्र दूर करे, वर्ना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को कोरोना की भयावह स्थिति में जाने से रोकना मुश्किल हो जाएगा।



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