अम्बिकापुर:--- कोरोना संक्रमित महिला
होम आइसोलेाशन में ठीक हुई 20 दिन बाद ब्लैक फंगस का
लक्षण दिखा,
जिसका इलाज रायपुर एम्स
में चल रहा था कि हार्टअटैक से मौत हो गई। वहीं इस संक्रामक बीमारी की जद में एक
अन्य मरीज का इलाज रायपुर एम्स में चल रहा है।
20 दिन पहले सिविल लाइन निवासी 55 वर्षीया करुणा वर्मा की
जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। होम आइसोलेशन में रहकर वे पूरी तरह ठीक हो गई
थीं। 9 मई को उनकी आंख में दिक्कत होने पर
स्थानीय श्रीराम नेत्र चिकित्सालय के विशेषज्ञ डाॅ. अंशुल सिंह से चेकअप कराया।
डाॅक्टर ने बताया कि जब मरीज को उनके पास लाया गया तो आंख में सूजन थी और पलक नीचे
थे। लक्षण कोरोना के बाद होने वाले ब्लैक फंगस के लग रहे थे। वहीं स्टेरॉयड की वजह
से शुगर बढ़ा था। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में इंफेक्शन तेजी से बढ़ता है और
एंटी स्पेशलिस्ट की जरूरत पड़ती है। प्राथमिक इलाज के बाद उन्होंने तत्काल मरीज को
इलाज के लिए रायपुर जाने की सलाह दी। एम्स में ऑपरेशन किया गया। वे रिकवर हो रही
थीं, लेकिन सोमवार को अचानक हार्टअटैक से
उनकी मौत हो गई।
केल्हारी में मिला ब्लैक
फंगस का दूसरा मरीज
केल्हारी निवासी 50 वर्षीय निजामुद्दीन इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आने की
खबर से गांव में हड़कंप मच गया है। निजामुद्दीन 5 दिन पहले ही अंबिकापुर से कोरोना को मात देकर अपने घर लौटे थे।
सोमवार को उनकी आंख में सूजन होने पर उन्हें भी श्रीराम नेत्र चिकित्सालय चेकअप
कराया, जहां ब्लैक फंगस पाए जाने पर डाॅक्टर ने
तत्काल उन्हें रायपुर रेफर कर दिया। निजामुद्दीन का इलाज रायपुर एम्स में किया जा
रहा है।
ज्यादा मुनाफा कमाने
मेडिकल स्टोर संचालक किट बनाकर बेच रहे
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.अंशुल ने ब्लैक फंगस के बहुत ज्यादा मरीजों के बढ़ने की वजह
कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों को ठहराया है। उन्होंने बताया कि बिना डाॅक्टरी सलाह के
कुछ मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों को किट बनाकर सीधे दवाइयां बेच रहे हैं। ऐसे में
स्टेरॉयड के बहुत ज्यादा उपयोग से मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और ब्लड शुगर
अनियंत्रित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहद खतरनाक साबित हो सकता
है।
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