परमेश्वर चौहान:--- हाथियों के हमले में एक हफ्ते में
दूसरी मौत हो गई। ताजा मामले में बगीचा ब्लाक के जंगल में युवक सोमवार की सुबह
साढ़े 5 बजे जंगल से जलाऊ लेने के लिए गया था, जहां उसका सामना एक हाथी से हो गया और
हाथी ने उसे सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही
मौत हो गई। हाथियों की जंगल में मौजूदगी के कारण वन विभाग की टीम शव को 24 घंटे बाद बाहर निकाल पाई।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बगीचा
ब्लाक के फूलडीह निवासी अगेश राम विश्वकर्मा पिता पियरसन राम (21) सोमवार की सुबह 5.30 बजे जलाऊ लेने के लिए कक्ष क्रमांक आरएफ
1277 झिक्की के जंगल में गया था, जहां उसका सामना हाथी से हो गया। हाथी
से सामना होने के बाद हाथी ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई
थी। सुबह 5.30
बजे घर से निकले अगेश
कुमार जब देर शाम तक घर नहीं लौटा तो उसके परिजन उसे ट्रैक्टर से ढूंढने के लिए
जंगल पहुंचे,
जहां उन्होंने अगेश के शव
देखा। शव को देखने के बाद जब उन्होंने शव को उठाने का प्रयास किया तो हाथियों का
दल मौके पर पहुंच गया। उनकी आवाज सुनकर ग्रामीण शव को जंगल में ही छोड़कर भाग आए।
24 घंटे तक जंगल में ही पड़ा
रहा शव
जंगल में हाथियों की मौजूदगी होने के कारण सोमवार की
शाम को ग्रामीण मृतक के शव को बाहर नहीं निकाल पाए। शाम को परिजन और ग्रामीणों को
शव मिलने के बाद जानकारी उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों को दी। विभाग को
जानकारी मिलने के बाद मंगलवार की सुबह विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर
ग्रामीणों ने जंगल के अंदर से मृतक के शव को बाहर निकाला। जंगल से शव को निकालने
के बाद विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके परिजनों को सौंप
दिया, वहीं मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है।
साथ ही वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है कि वे जंगल में न जाएं।
एक सप्ताह में हाथी के
हमले से हुई दूसरी मौत
एक सप्ताह पूर्व 3 जून को अपनी 7 वर्षीय बेटी के साथ घर आ
रही 52 वर्षीय महिला का सामना हाथी से हो गया
था। महिला का हाथी से सामना होने के बाद हाथी ने महिला के ऊपर हमला कर दिया था।
हाथी के हमले से महिला की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं उसकी 7 वर्षीय बेटी ने भागकर
अपनी जान बचाई थी। बांसाधार निवासी प्रतिमा तिग्गा पति संजय तिग्गा 3 जून की शाम लगभग 5 बजे अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ
रेंगले से अपने घर आ रही थी। उसी दौरान डेगाडेगी पारकर टावर के पास पहुंची ही थी, उसी समय जंगल से निकलकर एक हाथी ने
उसके ऊपर हमला कर दिया था। जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
जिले में 15 हाथी अलग-अलग जंगल में घूम रहे
मंगलवार की स्थिति में जिले में 15 हाथी अलग अलग क्षेत्रों में विचरण कर
रहे हैं। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तपकरा वन परिक्षेत्र में 6 हाथी अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे
हैं। ये ओडिशा से जिले में प्रवेश किए हैं और इनकी पुन: ओडिशा की ओर जाने की
संभावना है। वहीं कुनकुरी वन परिक्षेत्र में 3 हाथी विचरण कर रहे हैं,जो अभयारण्य क्षेत्र से
आए हैं। दुलदुला में 2 हाथी, मनोरा में 3 एवं बगीचा में 1 हाथी विचरण कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों
में हाथी विचरण कर रहे हैं उन क्षेत्रों के ग्रामीणों को विभाग ने अलर्ट जारी कर
दिया है।
16 माह से 18 की मौत, सालभर में 2 हाथी भी मारे गए
जिले में बीते हाथियों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है।
पिछले 16 माह में हाथियों के हमले में 18 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं इनसे बचने के लिए ग्रामीणों के
लगाए करंट की चपेट में आने से साल भर के दौरान दो हाथी भी मारे गए हैं। बताया जा
रहा है कि पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा में खनन उद्योग के चलते उजड़ रहे जंगल के
कारण हाथी जशपुर का रुख कर रहे हैं। भोजन को लेकर हो रही कमी के कारण उनमें द्वंद
के भी मामले आए हैं।
गज का आतंक
ट्रैक्टर से ढूंढने के लिए जंगल पहुंचे, जहां उन्होंने अगेश के शव देखा। शव को
देखने के बाद जब उन्होंने शव को उठाने का प्रयास किया तो हाथियों का दल मौके पर
पहुंच गया। उनकी आवाज सुनकर ग्रामीण शव को जंगल में ही छोड़कर भाग आए।
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