जशपुर व्यूरो:-- मलेरिया मुक्त अभियान का दूसरा चरण जिले में 27 जून से प्रारंभ होगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभियान के दौरान 2 एपीआई से अधिक वाले उपस्वास्थ्य केन्द्रों के आश्रित ग्रामों का चिह्नांकन कर वहां मलेरिया जांच की जाएगी। इसके लिए संबंधित केंद्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं गांवों के मितानिनों का दल गठन किया है। इन दलों द्वारा चिह्नांकित क्षेत्रों में लोगों के खून की जांच होगी और मलेरिया पाए जाने पर त्वरित इलाज एवं निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएगी। पिछली बार 2069 सर्वे दल बनाए गए थे। जांच के बाद पॉजिटिव मिले मरीजों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया। अभियान में दोनों संभागों के 15 लाख 70 हजार से अधिक की आबादी को कवर किया गया।
प्रदेश को मलेरिया से मुक्त करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान शुरू किया है। इसमें 15 दिसंबर 2020 से 20 जनवरी 2021 तक बस्तर संभाग के 29 विकासखंडों में अभियान का तीसरा चरण तथा सरगुजा संभाग के 26 विकासखंडों में पहला चरण संचालित किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस दौरान दोनों संभागों के 2309 गांवों के तीन लाख तीन हजार 393 घरों तक पहुंचकर कुल 14 लाख 27 हजार 358 लोगों की मलेरिया जांच की।
लार्वा कंट्रोल करने का तरीका बताया--
सर्वे दलों ने जांच एवं इलाज के साथ लोगों को एलएलआईएन मच्छरदानी के उपयोग की जानकारी दी गई। घरों में मच्छर लार्वा स्रोत नियंत्रण गतिविधियां भी संचालित की गईं। मलेरिया जांच से कोई घर या व्यक्ति न छूटे, इसके लिए हर घर एवं व्यक्ति की मार्किंग भी की गई थी व मरीजों को दवा की पहली खुराक खिलाई गई। स्थानीय मितानिनों ने मलेरिया पीड़ितों के फॉलो-अप खुराक सेवन की निगरानी भी करवाई गई। मलेरिया परजीवी को समूल खत्म करने के लिए सरगुजा संभाग में पहली बार गहन अभियान शुरू किया गया है। मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले चरण में संभाग के पांचों जिलों सरगुजा, कोरिया, जशपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज और सूरजपुर में तीन लाख 69 हजार 676 लोगों की जांच की गई। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 22 लोगों का त्वरित इलाज किया गया।
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