डेस्क रिपोर्ट:--- अम्बिकापुर के प्रेमनगर इलाके के सालका में करीब डेढ़ दशक पहले इफ्को पावर प्लांट के विरोध में खड़े ग्रामीणों को खुश करने सरकार ने अटेम नदी पर पुल के लिए मंजूरी दी थी। निर्माण के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन अधूरा निर्माण कर ठेकेदार ने काम छोड़ दिया। अधिकारियों ने भी पुल तैयार कराने रुचि नहीं दिखाई।
तब पुल बनाने के लिए तैयार किए गए
पिलर खड़े हैं। इसे लेकर ग्रामीण शिकायत करते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नाराज ग्रामीणों ने विरोध शुरू किया तो
अधूरे पुल को तैयार करने फिर साढ़े 5 करोड़ की मंजूरी मिली, लेकिन इस बार भी पुल तैयार नहीं हुआ। भाजपा शासन में पुल निर्माण
के लिए मंजूरी मिली थी। पुल नहीं बनने पर तब कांग्रेस ने जोर शोर से विरोध किया था, लेकिन वहीं कांग्रेस अब सत्ता में है, लेकिन उसके नेताओं को लोगों की यह
परेशानी दिखाई नहीं दे रही है। भाजपा नेता भी इतनी बड़ी समस्या पर चुप है। सेतु
निगम एजेंसी है। पुल नहीं बनने से 10 हजार लोगों को ब्लॉक मुख्यालय आने के लिए 35 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ रही है, जबकि ब्लॉक मुख्यालय से ये गांव सिर्फ
8 किलोमीटर दूर हैं।
जांच कर होगी कार्रवाई
जनपद पंचायत प्रेमनगर के उपाध्यक्ष
तुलसी यादव ने बताया कि ग्रामीणों ने इस संबंध में शिकायत की है। मामले की जांच कर
कार्रवाई की जाएगी। पुल नहीं बनने से लोग परेशान हैं।
प्रेमनगर इलाके के सालका में करीब डेढ़
दशक
लंबा समय लगेगा
एसडीओपी एमएस नागरे ने पुल निर्माण
नहीं होने पर कहा कि पल निर्माण में अभी लंबा समय लगेगा। निर्धारित अवधि में
निर्माण संभव नहीं है। अगस्त में पुल तैयार हो जाना था।
बारिश शुरू होते ही टापू बन जाते हैं गांव
अटेम नदी में पुल नहीं बनने से सालका
सहित आसपास के 10 हजार लोग परेशान
हैं। बारिश शुरू होते ही गांव ब्लाॅक मुख्यालय से कट जाते हैं। ग्रामीण सालका से
तारा और फिर प्रेमनगर पहुंचते हैं। सबसे अधिक परेशानी मरीजों को होती है। इस चक्कर
में कई बार मरीजों की जान चली जाती है।
अधूरे पुल को पूरा करने फिर मिली है साढ़े 5 करोड़ की मंजूरी, बारिश में मुख्यधारा से कट जाते हैं
लोग, ब्लॉक मुख्यालय पहुंचने 35 किमी का लगाना पड़ता है चक्कर
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