जशपुर / अंकिरा - तपकरा वन परिक्षेत्र में पिछले 15 दिनों से 42 हाथियों का दल सक्रिय है। भोजन की तलाश में हाथी रात के समय गांवों का रुख कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों के घरों और फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।
ग्रामीणों के घरों को बनाया निशाना
गुरुवार और शुक्रवार की रात हाथियों ने अलग-अलग गांवों में चार मकानों को नुकसान पहुंचाया। झारमुंडा गांव में एक हाथी ने एक ग्रामीण के खपरैल मकान को तोड़ दिया और घर में रखा धान चट कर गया। घटना के वक्त घर के अंदर सो रहे पति-पत्नी ने भागकर जान बचाई। इसी तरह, दलटोली और गोलीडीह गांवों में भी हाथियों ने मकानों को तोड़कर धान और अनाज खा लिया।
वन विभाग की अपील: सतर्क रहें
वन विभाग ने जानकारी दी है कि कोनपारा बीट में 42 हाथी मौजूद हैं। ये हाथी जामटोली, महुआडीह, खुटसेरा, पतेबहाल, टिकलीपारा, तुमला जैसे इलाकों में सक्रिय हैं। विभाग ने इन गांवों को हाथी प्रभावित क्षेत्र घोषित कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ग्रामीणों में डर का माहौल
लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। गांववाले हाथियों को भगाने के लिए खुद प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नुकसान थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग से जल्द मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष बड़ा मुद्दा
यह घटना मानव और वन्यजीव संघर्ष का उदाहरण है। जंगलों में भोजन की कमी के कारण हाथी गांवों की ओर आ रहे हैं। वन विभाग के लिए यह एक चुनौती है कि वे हाथियों को वापस जंगलों में कैसे भेजें और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
वन विभाग ने प्रभावित गांवों में पेट्रोलिंग तेज कर दी है और जल्द ही समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया है।
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हाथी द्वारा मकान छतीग्रस्त |
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