अम्बिकापुर:-- छत्तीसगढ़ के मैनपाट में आर्मी का एक तिब्बती जवान देश सेवा से अलग होने के बाद अपनी कमाई का 50 फीसदी करीब 35 लाख रुपए पौधे लगाने पर खर्च कर दिए। उन्होंने 4 साल में 3500 से अधिक फलदार व इमारती लकड़ी देने वाले पौधे 8 एकड़ में लगाए हैं।
रिटायर्ड जवान लापका का कहना है कि जब वह नौकरी में थे, तभी सोचा था कि वह देश सेवा के बाद मिले पैसे को इस तरह खर्च करेंगे कि उनके साथ पर्यावरण को भी फायदा हो, इसके लिए उन्होंने बागवानी का रास्ता चुना और दो हजार से अधिक लीची और उसके साथ ही काॅफी के पौधे कर्नाटक कॉफी बोर्ड से बीज लाकर तैयार किए। कुछ विदेशी फ्रूट्स के पौधे और सागौन सहित अन्य पेड़-पौधों का जंगल तैयार किया है। लाकपा कुनिया गांव में रहते हैं। उनके पास उनके पिता की खरीदी जमीन थी। उसमें उन्होंने 2017 में प्लांटेशन का काम शुरू किया। तब उन्होंने लीची और अनार, आम सहित दूसरे पौधे लगाए। उन्होंने लीची के जो पौधे तैयार किए वे अलग-अलग वैरायटी के हैं और उन्होंने 3 साल बाद 2020 में लीची का उत्पादन लिया, लेकिन बेचने की बजाय लोगों, वृद्धा आश्रम, बच्चों को बांटा। इस साल 70 हजार की लीची उन्होंने बेची है, जिससे गार्डन का मेंटेनेंस होगा। लीची के 600 कलमी पौधे तैयार कर रहे हैं, जिसे वे बेचेंगे। इससे उन्हें 60 रुपए प्रति पौधा करीब 1.20 लाख मिलेंगे।
35 लाख से 2017 में शुरू किया था प्लांटेशन, अब ऐसा नजारा।
पौधे फल देने लगे तो बुजुर्गों और बच्चों को बांटा, 3500 पौधों में दो हजार इमारती लकड़ी वाले पौधे
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